Principal Message

||ओ३म्||
संदेश

मैं गुरुकुल विद्यालय की सभी बालिकाओं,निष्ठावान कर्मचारियों,कर्मठ और ईमानदार प्रबंधक समिति का अभिनंदन करती हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे प्रधानाचार्य के रूप में गुरुकुल की सेवा करने का सुअवसर प्राप्त हुआ हैं। शिक्षा से ही हमारा सर्वागीण विकास होता है तथा इसका व्यवहारिक पक्ष में जीवन मूल्यों से जोड़ता है! अतः शिक्षा के साथ-साथ ही नैतिकता, अनुशासन, व्यवहारिक ज्ञान पर भी हमें बल दिया जाना चाहिए! हमारी धर्म और संस्कृति के प्रति आस्था तभी होगी जब हमें उसका ज्ञान होगा। हम गुरुकुल बालिकाओं को नित्य संध्या-हवन,वैदिक ज्ञान,धर्म और संस्कृति की जानकारी इसलिए देते हैं जिससे वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल हो तथा उनमें कष्टों व मुसीबतों को सहन करने की सामर्थ्य हो।

 मुझे अपने योग्य अनुभवी और प्रतिभा संपन्न अध्यापिकाओं पर भी गर्व है। गुरुकुल छात्राओं के प्रति है हर्ष की बात है कि उन्हें ऐसी अध्यापिकाओं का सानिध्य प्राप्त हो रहा है जो सदैव गुरुकुल के प्रति समर्पित भाव रखती हैं। मेरा उन से अनुरोध है कि छात्राओं को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त ऐसी व्यवहारिक शिक्षा भी देंगी!जो उन्हें जीवन की हर चुनौती का सामना करने की सामर्थ्य दे और वे जहां कहीं भी जाए उनकी सोच-कार्य-व्यवहार तथा नीतियों से यह स्पष्ट दे कि इनकी शिक्षा-दीक्षा एक अच्छी संस्था से प्राप्त हुई हैं। मेरी हार्दिक इच्छा है कि जब तक जीवन है गुरुकुल के प्रति समर्पित भाव से सहयोग देती रहूंगी और अपने कर्तव्य का निर्वहन सदैव निष्पक्ष और इमानदारी से  करूंगी।
   
श्रीमती मधुरलता मान 
प्रधानाचार्य