StudentGuidelines

छात्राओं के लिए आवश्यक निर्देश

1.छात्राओं का प्रवेश करवाते समय ही छात्रा से मिलने के लिए संलग्न फार्म भरकर पहचान पत्र बनवाए। क्योंकि छात्रों से केवल पहचान पत्र धारक मिल सकता हैं।

2.केवल 4 व्यक्तियों के ही छात्रा से मिलने के पहचान पत्र बनेंगे। दाखिला समय ही छात्रों का एक फोटो तथा मिलने वालों का एक-एक फोटो साथ लेकर आएं।

3.विद्यालय परिसर में अभिभावकों द्वारा मोबाइल फोन वर्जित हैं।

4.सामान्य उद्दंडता करने वाली छात्रा पर जुर्माना लगेगा।

5.किसी भी रोग से पीड़ित छात्रा को प्रवेश नहीं मिलेगा।

6.छात्रावास की छात्राओं को हॉस्टल इंचार्ज की अनुमति के बिना जाने की संख्या नहीं होगी। अवकाश स्वीकृति हॉस्टल इंचार्ज से लेनी होगी।

7.अवकाश पर जाने से पूर्व लेने तथा बाद में छोड़ने छात्रा के माता-पिता तथा सगा भाई सही आएगा।

8.विद्यालय में छात्रा के अध्ययन काल के दौरान किसी भी प्रकार का उपहार लेना व देना व्यक्ति ना वर्जित हैं।

9.आश्रम में कोई भी छात्रा यदि अपने पास कोई मूल्यवान वस्तु तथा प्राचार्य अथवा हॉस्टल इंचार्ज द्वारा निषिद्ध पदार्थ रखेगी तो उसे जप्त किया जाएगा तथा छात्रा पर जुर्माना भी लगेगा।

10.किसी भी छात्रों को भोजन आदि व्यय में दी जाने वाली रियायत उस छात्रा द्वारा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कि किसी भी परीक्षा में 60% से कम अंक प्राप्त करने पर या किसी प्रकार की अनुशासनहीनता करने पर समाप्त कर दी जाएगी।

11.हॉस्टल इंचार्ज की आज्ञा के बिना किसी भी स्त्री, पुरुष को गुरुकुल की कन्या से वार्तालाप की आज्ञा नहीं हैं।

12.छात्रा से मिलने के लिए विद्यालय द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र लाना अति आवश्यक होगा अन्यथा मिलने नहीं दिया जाएगा। मिलने का समय रविवार को प्रातः 8:00 से साईं 4:00 बजे तक हैं।

13.पहचान पत्र वाले आदमी के साथ यदि दूसरा व्यक्ति होगा तो उसे छात्रा से मिलने नहीं दिया जाएगा। उसे बाहर गेट पर ही बैठना पड़ेगा।

14.अवकाश के बाद समय पर ना पहुंचने पर विशेष जमाना दिया जाएगा।

15.किसी भी प्रकार का छात्रावास में नियम उल्लंघन करने पर छात्रा को कठोर दंड या जुर्माना व निष्कासित किया जा सकता हैं।

16.सभी रविवार में विशेष धार्मिक पर्वों पर विद्यालय में अवकाश रहेगा परंतु इन अबकाशो में किसी छात्रा को घर जाने की अनुमति नहीं होगी।

17.अध्ययन काल में कन्या को घर जाने का अवकाश नहीं मिलेगा। रोगी आदि विशेष अवस्था में प्रधानाचार्य की विशेष आज्ञा से ही निर्धारित समय के लिए अवकाश मिल सकेगा।

18.सहोदर सगे भाई बहन की शादी में 2 दिन का अवकाश मिलेगा। शादी कार्ड साथ में लाने पर।

19.उपर्युक्त अवकाश के अतिरिक्त छाता को जन्मदिन, सगाई आदि घरेलू उत्सवों पर कोई अवकाश नहीं मिलेगा।

20.किसी भी बीमारी से ग्रस्त छात्रा का दाखिला नहीं होगा। पता लगने पर तुरंत घर भेज दिया जाएगा।

21.कोर्ट केस की आवश्यकता पड़ती है तो केस जिला असंध कोर्ट में मान्य होगा।

छात्राओं को मिलने का समय

महीने का पहला और तीसरा रविवार का समय प्रातः 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक। रविवार को छोड़कर सप्ताह के किसी भी दिन में नहीं किया जाएगा।

विशेष दायित्व

अवकाश के दौरान प्रत्येक माता-पिता अभिभावक का विशेष दायित्व होगा कि हमारी छात्राओं को उपयुक्त स्नेह  स्वानुशासन युक्त आहार वे नियमित दिनचर्या के साथ अपने सन्निकट रखें। आप की पुत्री हमारे राष्ट्रीय की अमूल्य निधि है। इसे पूर्ण ज्ञानवान बनाने के लिए  माता पिता, शिक्षक व समाज सभी की समान जिम्मेदारी बनती है।

अभिभावकों से विशेष अनुरोध

•बच्चों से मिलने के लिए रविवार को ही आए। बार-बार मिलने से आपके बच्चों का मन हो सकता है उचाट हो सकता हैं।

•ध्यान रहे गुरुकुल में पढ़ाई की कोई फीस नहीं, इसलिए अपने बच्चों का मासिक भोजन शुल्क व अन्य व्यय नियत तिथि में अवश्य जमा करवा दें जिससे बच्चों की भोजन व्यवस्था ठीक ही चलती रहे और आपको भी विलंब राशि ना देनी पड़े। इस बारे में नियमितता बरतना गुरुकुल और आप दोनों के हित में हैं।

•घर जाने वाले अवकाशओं की समाप्ति पर एक दिन भी बच्चा गैर हाजिर न रहे। इससे बच्चे की पढ़ाई में भी हर्ज नहीं होगा और आप भी विलंब शुल्क (लापरवाही रकम) देने से बच सकेंगे।

•सभी विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावक गुरुकुल के अनुशासन को बनाए रखने के लिए अपने पास में वर्ष की नियमावली व इनके नियमों की पूरी जानकारी अवश्य रखें।

मातृमान,पितृमान, आचार्यवान, पुरुषोंवेद ( शतपथ )

 प्रातः सूर्योदय से पहले स्नान के बाद शुद्ध मन से संध्या करें

 गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

तूने हमें उत्पन्न किया पालन कर रहा है तू।

 तुझसे ही पाते प्राण हम दुखियों के दुख हर्ता है तू।।

 तेरा महान तेज है छाया हुआ सभी स्थान।

 सृष्टि की वस्तु - वस्तु मैं तू हो रहा है विद्यमान।।

 तेरा ही घरते ध्यान हम मांगते तेरी दया।

 ईश्वर हमारी बुद्धि को श्रेष्ठ मार्ग पर चला।।